सम्बन्ध क्या है ; सम्बन्ध को कैसे सुरक्षित ,खुशहाल बनायें ? ( WHAT IS RELATIONSHIP AND HOW WE CAN FIND STRONG RELATIONSHIP

सम्बन्ध क्या है ?

        सम्बन्ध एक महत्वपूर्ण शब्द है,जिस पर हमारा पूरा जीवन और हमारी खुशियां आधारित होती हैं l  यहां तक की अगर हम गहराई से सोचेंगे तो हमारी सफलता में भी एक अच्छे और विश्वस्त सम्बन्ध की ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है I सभी खुशहाल जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता होती है ; एक खुशहाल परिवार की - जहाँ परिवार के सारे लोग  सुख व् शांति से रहें और ऐसा परिवार जहाँ कोई शंका और फिझूल की बहस न हो,  ऐसा परिवार जहाँ सभी एक दूसरे पर विश्वास करें I
पूरे परिवार का संबंध एक बड़ा पारिवारिक सम्बन्ध कहलाता है ; जिसका पूर्ण प्रबंधन  व् पारिवारिक खुशहाली   किसी एक सम्बन्ध की ख़ुशी और उनके आपसी सम्बन्ध की शक्ति और विश्वास पर निर्भर करता है I यही वह सम्बन्ध है जिसकी चर्चा हम कर रहे हैं l ये सम्बन्ध पति-पत्नि का सम्बन्ध ,एक पार्टनर का सम्बन्ध भी हो सकता हैं, जिनकी ख़ुशी, आपसी तालमेल और आपसी विश्वास ही किसी परिवार को खुशहाल बना सकता हैं और ऐसा परिवार आदर्श परिवार बन सकता है l  हम सभी का सपना ऐसे परिवार का ही होता है l 


सम्बन्ध को हम कैसे खुशहाल और सुरक्षित बना सकते हैं  ?

       कोई भी एक सम्बन्ध प्रेम पर आधारित होता है ; जिसका मुख्य उद्देश्य होता है - अपने पार्टनर को वो सारी खुशियां और सुभिधाएँ देना जिसके करण वह अपने को  सुरक्षित महशुस करे,आत्मबिश्वाश बढे और वह  ख़ुशी - ख़ुशी अपने लक्ष्य और कार्य को कर पाए l  वह अपने को अकेला और उबा ( Bored ) हुआ महशुस न करे l
उसे ऐसा लगना चाहिए कि कोई है ; जो उसकी सुन सकता है ,जिसे वह अपना मान  सके,जिसे  वह अपने जीवन का उद्देश्य बना सके और अपने उद्देश्य पूरे कर सके I 
       लेकिन आज ऐसे रिश्ते बहुत ही कम सुनने को मिलते हैं I तो अब ऐसा क्या हो गया है कि हम रिश्तों की परिभाषा और उनका महत्व ही भूल गए हैं l इनके कारण खोजेंगे तो पाएंगे कि हम प्यार करना ही नहीं जानते ,हमें प्यार करना एक भोग की वस्तु लगती है तथा अविश्वास की भावनायें दोनों और से लगी रहती हैं l जिनका परिणाम होता है कि जैसे ही पार्टनर मिलते हैं; नकारात्मक और अविश्वाश भरे प्रशन    ( Questions  ) की झड़ी लग जाती है , लगता ही नहीं कि कोई लगाव है ; एक - दूसरे में, लगता है जैसे दोनों एक दूसरे को  झेल रहे हैं l बातों का अंत होता है - झगड़े से l ऐसे समय ऐसा लगता  है कि हम कोई सम्बन्ध नहीं निभा रहे हैं , एक अनचाही आफत झेल रहे हैं l

हमें इन महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना होगा ; एक सम्बन्ध को समझने के लिए और उसको सहेज कर सम्मान पूर्वक सुरक्षित रखने के लिए : -

          १ . प्रेम एक पवित्र भावना है - किसी रिश्ते को निभाने के लिए i इसका एक मात्रा उद्देश्य भोग नहीं हो सकता ; इसका मुख्य उद्देश्य एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान, सुरक्षा, ख़ुशी प्रदान करना, सहयोग प्रदान करना पार्टनर के सभी कार्यों में और उनकी हर परेशानियों में l पार्टनर का आत्म गौरव बढ़ाना ;समाज में और परिवार में l 

          २. कोई सम्बन्ध / प्रेम  वही  सफल होगा , जिस सम्बन्ध में कोई नकारात्मक चाहत या लोभ न हो l अगर हम किसी सम्बन्ध को मात्र पार्टनर के आकर्षण / उसकी किसी स्टाइल / उसकी किसी खास वजह से स्वीकार कररहे हैं ;तो मानिये जैसे ही तुम्हारे पार्टनर का वह आकर्षण या वजह ख़त्म होगी, तुम्हारा लगाव कम हो जायेगा I इसलिए अगर रिश्ते को सफल बनाना है तो पार्टनर को दिल से प्यार करो -दिमाग से नहीं l  तुम्हे जब उसमे तुम्हारा ही अस्त्तित्व दिखने लगे और उसकी ख़ुशी /  दुःख में ही तुम्हारी ख़ुशी / दुःख  महशूष  हो तो ऐसा सम्बन्ध ही हमें सच्ची ख़ुशी देगा l
          ३. हमें हमारे पार्टनर की रोजमर्रा की परेशानियों को जानना होगा , उसी के अनुसार हमें हमारे कार्यों को / उनसे अपेक्षाओं को रखना पड़ेगा, जिससे वे तनाव से मुक्त रहें और उनका आत्म-विश्वाश अपने कार्य में लगे i अगर पार्टनर आप से घर के कार्यों में आप की सहायता मांग रहा है तो जरूर उनकी सहायता करो और हो सके तो उनका मनोबल भी बढ़ाएं ;ऐसे समय I इससे उनके दिल में आपका सम्मान बढ़ेगा I 
          ४. हमें पार्टनर पर अंधा विश्वास करना चाहिए I कभी भी दूसरों से सुनी बातों के कारण ; बिना किसी वजह के शक और शंका करना आपके संबंधों की नींब (foundation ) को हिला सकता है I फिर भी अगर तुम्हे कोई शंका हो तो अपने पार्टनर से कभी न छिपाओ और उनसे खुलकर बात कर लो I
          ५. हमें पार्टनर की कमियों को पहचान कर , उनको सहयोग ( support ) करके ; उनका विकास भी करना चाहिए I इससे उनके दिल में आपके लिए प्यार और सम्मान और बढ़ जायेगा I  
          ६. अगर कभी किसी तनाव या और किसी भी कारण से पार्टनर आप से झगड़ ले या अपशब्द ; भूल बस निकल जाये तो इसे तूल का ताड़ न बनाओ और भूल जाओ I इससे घर की शांति बनी रहेगी और जरूर ही तुम्हारे पार्टनर को अपनी गलती का अहसास होगा I
          ७. पार्टनर के आत्म-सम्मान की क़द्र करना, उनको स्वतंत्रता देना तुम्हारा प्रथम  उत्तरदायित्व होना चाहिए ;अगर तुम आदर्श परिवार की चाहत रखते हैं तो I मेरा कहने का मतलब है उन्हें जैसे रहना पसंद हो / पहनना पसंद हो / या अपना काम करना सुगम लगे करने दो ; उनपर कभी भी अपनी शर्तें न थोपो I

          ८. हमें पार्टनर को दोस्त की तरह व्यव्हार करना चाहिए ,ना कि एक सख्त शासक की तरह I

हमें हमारे हर महत्वपूर्ण निर्णय में उनकी राय लेनी चाहिए ; इससे उनका आत्मसम्मान बढ़ेगा और तुम्हारा आदर उनके दिल में बढ़ जायेगा l 
          ९. हमें उनके द्वारा दिए गए सहयोग और सम्मान के लिए उनका धन्यवाद करना आना चाहिए और उनको जहाँ तक संभव हो दिल से और ख़ुशी देने की कोशिस करनी चाहिए I  
          १०. हम हमारे कार्य में कितने भी व्यस्त क्यों ना हों ;पार्टनर के लिए समय जरूर निकालें और उनकी दिनभर की बातों और अनुभव को जरूर साझा करो I इससे उनका आपकी तरफ आकर्षण और अपनत्व बढ़ेगा ; सम्मान भी I
          ११. दोनों की समझ ( Understanding ) एक - दूसरे के लिए अच्छी होनी चाहिए I 

मुझे विश्वाश है कि अगर उपरोक्त बातों पर अमल किया जाए और हम आपने आत्म-विश्लेषण द्वारा ; हमारे अन्दर मौजूद अहं ( ईगो ) को निकाल कर और हमारी नकारात्मक सोच और पुरानी रूढीबाड़ी परम्पराओं ( old culture / systems ) के  बंधन में हमारे पार्टनर की इच्छाओं का सम्मान करेंगे I तो फलस्वरूप हम सुखमय रिश्ते निभाने में सफल होंगे I 


मुझे आपके अमूल्य सुझाव व् सहयोग का इंतज़ार रहेगा i कृपया मेरे प्रयास में सहयोग दें  l



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